Manisha Kumari
Manisha Kumari
February 18, 2025 at 01:22 AM
*🙏🏻 सुबह का प्यारभरा वंदन🙏🏻* *मीरा को लगा कि .. जहर में कैसा नशा है ... देख लूँ* *तो जहर को भी लगा कि .. इसी बहाने कंठ में .. कृष्ण प्रेम देखलूँ* *बिना रिश्ते के जो अजनबी* *अपने हो जाते हैं ,* *कभी-कभी खून के रिश्तों से* *बड़े हो जाते हैं !* 🌷 *सच्चे रिश्तों को पहचानें, उनकी कद्र करें और उन्हें संजो कर रखें 🌷* *🌹🌹सुप्रभात🌹🌹* *🌺आपका दिन मंगलमय हो🌺*

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