
The Atharva Forum
February 9, 2025 at 03:02 AM
'वीर विनोद’ मेवाड़ के इतिहास का एक विशालकाय और चिरस्मरणीय ग्रन्थ सन् 1886 में मुद्रित हुआ था।
कविराज श्यामलदास मेवाड़ के महाराणा सज्जनसिंह (1859-84) के दरबार को सुशोभित करने वाले विशाल ज्ञान एवं पाण्डित्य युक्त राजकवि थे |
https://youtu.be/pNDXIxcDpSY
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