MOTIVATIONAL AND SHYARI
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                February 4, 2025 at 10:05 PM
                               
                            
                        
                            लौट आती है हर बार दुआ मेरी खाली, 
जाने कितनी ऊँचाई पर खुदा रहता है। 
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे, 
जो रंज की घड़ी भी खुशी से गुजार दे। 
न जाने किसने पढ़ी है मेरे हक़ में दुआ, 
आज तबियत में जरा आराम सा है। 
खुशी मिली तो कई दर्द मुझसे रूठ गए, 
दुआ करो कि मैं फिर से उदास हो जाऊं। 
मैंने यही रब से एक गुजारिश की है, 
तेरे चेहरे पे हँसी की सिफारिश की है।
#riyaz