Daily Vivekananda
February 5, 2025 at 03:02 AM
परब्रह्म का ज्ञान किसी शास्त्र के ऊपर या और किसी अन्य वस्तु पर निर्भर नहीं होता; वह स्वयं पूर्ण- स्वरूप होता है। शास्त्रों के अनन्त अध्ययन से यह ज्ञान नहीं मिलता; यह कोई सिद्धान्त नहीं है, यह है सत्य का साक्षात्कार। दर्पण के ऊपर जो मैल जम गया है, उसे साफ़ कर डालो, अपने मन को पवित्र करो, ऐसा होने से उसी क्षण इस ज्ञान का उदय होगा कि तुम ब्रह्म हो।
-- स्वामी विवेकानन्द
{वि.सा. ७ : देववाणी - ६ जुलाई, शनिवार}
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