Ground Report. ⛳️
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February 17, 2025 at 01:58 PM
*किसान/मजदूर महापंचायत जनपद मुजफ्फरनगर।* मुजफ्फरनगर-उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर स्थित गुड मंडी कूकड़ा में आज भारतीय किसान यूनियन के द्वारा एक किसान मजदूर महापंचायत आयोजित की गई जिसमें सहारनपुर मंडल के साथ-साथ अन्य जनपदों के किसानों ने भी हिस्सा लिया साथ ही चौधरी नरेश टिकैत जी ,चौधरी राकेश टिकैत जी संयुक्त किसान मोर्चा से रमनिदर सिंह पटियाला पंजाब,चौधरी युद्धवीर सिंह जनरल सेक्रेटरी बीकेयू, रतनमान अध्यक्ष हरियाणा बीकेयू, बाबा श्याम सिंह थांबा बहावड़ी, शौकिंदर सिंह बतीसा खाप सहित किसान नेताओं व खाप चौधरीयो ने पंचायत को संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने सरकार की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए तथा किसानों से एकता के साथ में इस संघर्ष को लड़ने की अपील की पंचायत ने सर्वसम्मति से निम्नांकित प्रस्तावों को पारित किया। भारत देश एक कृषि प्रधान देश है, जिसकी मुख्य कड़ी देश का अन्नदाता है। सम्पूर्ण भारत इसी के भरोसे अपने परिवारों का पेट भर रहा है, लेकिन वर्तमान की स्थिति में यह अपने वजूद को तलाश रहा है। जल, जंगल, जमीन यह तीनों हमारे लिए ऐसे हैं जैसे मनुष्य शरीर में आत्मा। इनके बिना प्रकृति का कोई अस्तित्व ही नहीं हैं। एनडीए सरकार का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया है, लेकिन देश के किसान-मजदूर-आदिवासी को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। यह पंचायत सरकार के इस रवैये की कठोर शब्दों में निंदा करती है और तत्काल इन सभी विषयों पर चर्चा की भी मांग भी करती है। कृषि संकट को समाप्त करने के लिए भारतीय किसान यूनियन संयुक्त रूप से निम्नांकित मसौदा प्रस्ताव इस पंचायत में पारित करती है- 17 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर में आयोजित किसान-मजदूर महापंचायत पंचायत द्वारा पारित प्रस्ताव 1. (गन्ना)- उत्तर प्रदेश में गन्ने का पेराई सत्र कुछ समय बाद समाप्त होने को है, लेकिन अभी तक गन्ने का भाव घोषित नहीं किया गया है। पूर्व के समय में सत्र शुरू होने से पहले सरकारों के द्वारा भाव घोषित किया जाता था। कारपोरेट के दबाव में सरकार की बदलती मानसिकता से किसानहित व जनहित को हानि पहुँच रही है। सरकार जल्द इस विषय पर निर्णय ले व भाव 500 रुपये प्रति कुन्तल घोषित करें व मिलों पर बकाया भुगतान को अविलम्ब कराया जाए। 2. (व्यापक ऋणमाफी)- देश का सबसे अहम वर्ग कर्ज का बोझ झेल रहा है, इसी कारण वह आत्महत्या करने पर मजबूर है। सरकारें कारपोरेट घरानों का अरबों-खरबों रुपया बिना किसी शर्त व सूचना जारी किए माफ कर देती है, इसी तरह यह पंचायत देश के किसान का सम्पूर्ण ऋणमाफ करने की मांग करती है। 3. (एमएसपी गारंटी कानून/सी2$50)- देश के किसान ने वर्षों से एमएसपी को गारंटी कानून का दर्जा देने की मांग के लिए अपने संघर्ष को जारी रखा है। आज के हालात को देखते हुए देश के हर फसली किसान को इसकी आवश्यकता भी है। एनडीए की सरकार चला रहे प्रधानमंत्री जी ने पूर्व के समय में एग्रीकल्चर स्टैण्डिंग कमेटी के चेयरमैन के रूप में एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की मांग की थी। अब वह अपनी रिपोर्ट को लागू करें साथ ही सी2+50 के फार्मूले को किसान हित में लागू करें। 4. (एनजीटी व जीएसटी मुक्त खेती)- देश का किसान जो भी यंत्र अपने कृषि कार्यों में उपयोग कर रहा है वह एनजीटी कानून के दायरे से बाहर किया जाए साथ ही खेती में उपयोग होने वाली सभी वस्तुएं, पदार्थ, बीज व यंत्र जीएसटी मुक्त किए जाएं। 5. (विद्युत निजीकरण व संस्था निजीकरण)- केन्द्र सरकार व बहुत से प्रदेशों की सरकारें विद्युत निजीकरण का कार्य कर रही है और कुछ पूर्व समय में कर चुकी हैं। उत्तर प्रदेश इसका दंश झेल रहा है। आगरा में किसानों पर लाखों रुपया बकाया है। इन सभी विषयों को गम्भीरता से लेते हुए विद्युत निजीकरण को रोका जाए साथ ही सरकार के द्वारा जारी देश की किसी भी संस्था के निजीरकण (जो आमजनजीवन को प्रभावित करती है) को भी तत्काल प्रभाव से बन्द किया जाए। 6. (जेनेटिकली मोडिफाईड(जीएम) बीज)- देश में सरकार जीएम बीजों को लाने का कार्य कर रही है, जो मानव जीवन, पर्यावरण व खेती के लिए बेहद खतरनाक हैं। पूर्व में बीटी कॉटन/एचटी बीटी कॉटन का दंश देश आज तक झेल रहा है। जिसके दुष्परिणाम की अनेकों रिपोर्ट सोशन मीडिया आदि के प्लेटफार्म पर प्रचारित हैं। भारतीय किसान यूनियन इस प्रकार के किसी भी ट्रायल को देशभर में नहीं होने देगा। 7. (भूमि अधिग्रहण)- देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों व संस्थाओं के निर्माण के लिए किसानों की जमीने अधिग्रहीत की जा रही है। किसी भी भूमि का उचित मुआवजा किसानों को नहीं दिया जा रहा है, जिसे लेकर देशभर में किसान आन्दोलन कर रहे हैं। सरकार एलएआरआर अधिनियम 2013 को लागू करने का कार्य करें साथ ही किसानों के शोषण को देशभर में बन्द करें। 8. (एनपीएफ ऑन एएम)- केन्द्र सरकार हाल ही के समय में नेशनल पॉलिसी फ्रेम वर्क ऑन एग्रीकल्चर मार्केटिंग का नया कृषि मसौदा नीति लेकर आयी है। यह राज्य व किसानों के अधिकारों पर प्रहार है। इसे तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर की कूकडा गुड मंडी में आयोजित यह किसान मजदूर महापंचायत सर्वसम्मति से सभी प्रस्तावों को पारित करती है। केन्द्र व राज्य सरकारें इन सभी विषयों पर विचार कर आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएं। अगर इन सभी विषयो पर कार्यवाही नही होती है तो पंचायत एस. के. एम. के साथ मिलकर देशभर में किसान जन जागृति अभियान चलायेगी। प्रतिलिपि निम्नांकित को सूचनार्थ हेतु प्रेषितः- 1. प्रधानमंत्री, भारत सरकार, दिल्ली। 2. ग्रह मंत्री, भारत सरकार, दिल्ली। 3. कृषिमंत्री, भारत सरकार, दिल्ली। 4. मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ। https://whatsapp.com/channel/0029VaOTFTF8F2pFvs5KB03w
Image from Ground Report. ⛳️: *किसान/मजदूर महापंचायत जनपद मुजफ्फरनगर।*  मुजफ्फरनगर-उत्तर प्रदेश के ज...

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