Paramhans Parivrajakacharya Shreemad Vasudevanand Saraswati (Tembe) Swami Maharaj (1854-1914)
Paramhans Parivrajakacharya Shreemad Vasudevanand Saraswati (Tembe) Swami Maharaj (1854-1914)
February 19, 2025 at 05:45 PM
नमो गुरवे वासुदेवाय और जय गजानन 🙏🏻 परमहंस परिव्राजकाचार्य श्री वासुदेवानंद सरस्वती (टेंबे) स्वामी महाराज जब विदर्भ प्रांत से गुजर रहे थे, तब वे शेगांव गए थे। जब वे शेगांव के श्री गजानन महाराज से मिलने गए, उस के एक दिन पहले श्री गजानन महाराज ने अपने भक्तों से कहा की, “कल मेरा एक विद्वान कर्ममार्गी भाई आ रहा है। वह शुचिर्भूत ज्ञानसंपन्न कऱ्हाडा ब्राह्मण है। उनके चलने के रास्ते में कोई भी कचरा, यहाँ तक की कपडे की पट्टियाँ वगैरा भी न गिरे इसका ख्याल रहे।” दूसरे दिन जब श्री स्वामी महाराज वहां पधारे तब श्री गजानन महाराज चुटकिया बजा रहे थे। जैसे ही उन्हों ने श्री स्वामी महाराज को देखा, उन्होंने चुटकिया बजाना बंद कर दिया। वे दोनों एक दूसरे की तरफ देख कर मुस्कराये और बड़े आनंद से एक दूसरे को देखने लगे। उनमे शायद ही कोई बातचीत हुई होगी। पर वे एक प्रकर के आध्यात्मिक आनंद में निमग्न थे। फिर श्री स्वामी महाराज ने जाने की आज्ञा चाही। श्री गजानन महाराज ने सिर्फ इतना ही कहा के ‘बहुत अच्छा’। अवधूत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त 🙏🏻 https://youtu.be/6cD-hO_T9NU
🙏 ❤️ 🙇‍♀️ 8

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