Imam Khamenei — Hindi
February 23, 2025 at 10:28 PM
📕 | *23/02/2025: शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह (र) और शहीद सय्यद हाशिम सफ़ी अल-दीन (र) के जुलूसे जनाज़ा और तदफ़ीन के प्रोग्राम की मुनासिबत से रहबर-ए-इंक़िलाब-ए-इस्लामी इमाम सय्यद अली ख़ामेनई (द) का पैग़ाम:*
बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम
قال اللّٰه عزّ و جل: وَ لِلّٰہِ العِزَّۃُ وَ لِرَسولِہِ وَ لِلمُؤمِنینَ وَ لٰکِنَّ المُنافِقینَ لا یَعلَمون
“अल्लाह ने कहा: ‘और अल्लाह के लिए इज़्ज़त है, और उसके रसूल के लिए, और मोमिनों के लिए; लेकिन मुनाफ़िक़ लोग नहीं जानते।’”
(सूरह मुनाफ़िक़ून, आयत 8)
मुजाहिदे-कबीर और ख़ित्ते में मुज़ाहमत के मुम्ताज़ रहनुमा हज़रत शहीद सय्यद हसन नसरुल्लाह (र) इस वक़्त इज़्ज़त की औज पर हैं। उनका पाकीज़ा जिस्म, लेबनान में, जिहाद-फ़ी-सबीलिल्लाह की सरज़मीन पर सुपुर्द-ए-ख़ाक किया जाएगा लेकिन इंशाअल्लाह उनकी रूह और उनकी राह हर दिन पहले से ज़्यादा सरफ़राज़ होकर जलवा नुमा होगी और इस रास्ते पर चलने वालों की रहनुमाई करती रहेगी।
दुश्मन जान लें कि ग़ासिबाना क़ब्ज़े, ज़ुल्म और सम्राज के ख़िलाफ़ मुज़ाहमत ख़त्म होने वाली नहीं है और अल्लाह के हुक्म से अपनी मंज़िले मक़सूद पर पहुँचने तक जारी रहेगी।
जनाब सय्यद हाशिम सफ़ी अल-दीन (र) का नेक नाम और नूरानी चेहरा भी इस ख़ित्ते की तारीख़ का एक दरख़्शान सितारा है। वो लेबनान में मज़ाहमत की क़ियादत के क़रीबी मददगार और अटूट हिस्सा थे।
ख़ुदा और उसके सालेह बंदों का सलाम हो इन दो सरफ़राज़ मुजाहिदों और दूसरे बहादुर-ओ-फ़िदाक़ार मुजाहिदों पर जो हालिया अर्से में शहीद हुए और इस्लाम के तमाम शहीदों पर और मेरा ख़ास सलाम हो आप पर अए, मेरे अज़ीज़ फ़रज़ंद लेबनान के शुजाअ जवानों पर।
*— सय्यद अली ख़ामेनई*
21 फरवरी 2025
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