Poetry D' Love
Poetry D' Love
February 7, 2025 at 05:17 AM
जब सूरज की रोशनी हो जाए कम, दिल में उतर जाए सन्नाटा गहरा तम, ख्वाहिशों की इक सिखी हुई डरावनी राह, मौत नहीं, बस एक नई शुरुआत की चाह।

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