Poetry D' Love
Poetry D' Love
February 7, 2025 at 05:25 AM
सूरज डूबा, अंधेरों में रंगता हुआ, उम्मत की लहरों में दिल तरसता हुआ। तन्हाई की वीरानी में चाँद मुस्काया, नए सवेरे की ख़ुशबू में जीवन सजाया।

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