Poetry D' Love
Poetry D' Love
February 24, 2025 at 12:04 PM
तेरी नज़रें, जैसे उलझी हुई राहों का कारवां, तेरी मुस्कान, जैसे फूलों की खुशबू का जहां। हर लम्हा, हर सांस तुझमें ही उलझ जाए, तेरी मोहब्बत में मेरा हर ख्वाब महक जाए।

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