University Truthseeker Society (UTS)
February 15, 2025 at 05:42 PM
"मन चंगा तो कठौती में गंगा"
आज सन्त शिरोमणि गुरु रविदास जी का 648 वां जन्मदिवस है।सन्त रविदास को भक्तिकाल के मध्य रैदास के नाम से भी जाना जाता था।रविदास,कबीर और गुरु नानक के समकालीन थे।ये निर्गुण भक्ति शाखा के कवि और महान समाज सुधारक थे।निर्गुण का अर्थ होता है-जिसका कोई गुण न हो अर्थात ऐसे ईश्वर में विश्वास करना जिसका न कोई रंग है न रूप,न नाम है न जाति,न कोई रूप है और न ही कोई वर्ण,न वह पुरुष है,न स्त्री और न वह किसी मंदिर में रहता है और न ही मस्जिद में।
निर्गुण ईश्वर की कल्पना और दृष्टि में सन्त रविदास जी ने धार्मिक पाखण्डों,अन्धविश्वासों,रूढ़िवादिताओं, छुआछूत और आडम्बरों का प्रबल विरोध करते हुए समाज के मुख्यधारा से कटे वंचित लोगों को उन्नति और आत्मकल्याण का मार्ग दिखाया।समाज को जातिगत और धार्मिक श्रेष्ठता की बजाय अंतर्मन की पवित्रता,प्रेम,करुणा,समानता और मानवता का सन्देश दिया।संसार को "मन चंगा तो कठौती में गंगा" जैसा महान मंत्र देने वाले समाज सुधारक सन्त शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज को कोटि-कोटि नमन।साथ ही यह भी संदेश भी कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के जन्मदिवस को केवल पूजा-पाठ तक सीमित करके आडंबर का रूप देने की बजाय मानवीय मूल्यों से ओतप्रोत इनकी शिक्षाओं को जीवन में धारण करें।
-समम अनन्त राम भोंसले