GIRISH CHANDRA DWIVEDI 🙏
GIRISH CHANDRA DWIVEDI 🙏
February 4, 2025 at 04:44 PM
मेरी कविता🙏🙏 सरकारी नौकरी के साइड इफेक्ट--- 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 आज बात करते हैं जब सरकारी नौकरी लगी थी तो लगा था दुनिया जीत ली है, एक अलग तरीके की ख़ुशी का एहसास था!! गांव की भीड़ से निकलकर अपनी पहचान बनाना एक बड़ी उपलब्धि लगा था!! लेकिन आज जब नौकरी करते हुए वक्त बीत रहा है तो जीवन में बहुत कुछ पीछे छूटता जा रहा है!! गाँव छूट रहा है। बचपन के साथी छूट रहे हैं, सभी अपने में खोये हुये हैं। खेत खलिहान छूट रहा है। बड़े बुजुर्गों का प्यार छूट रहा है, लगाव छूट रहा है, स्नेह छूट रहा है, क्या क्या सुनाऊँ?? अपनों का प्यार स्नेह छूट रहा है, बहुत कुछ छूट रहा है, बहुत कुछ खत्म होता जा रहा है, बहुत सारे रिश्ते टूट रहे हैं, कुछ अपने छूट रहे हैं, कुछ लोग तो मुंह फेर ले रहे हैं, अजीब फलसफा है रोटी का। रोटी के लिये कहाँ कहाँ भटकना पड़ता है ? कौन समझता है? बड़ी अजीब दास्तान है जिदंगी का। बहुत कुछ छूट रहा है, बहुत कुछ टूट रहा है, ईश्वर ही जाने आगे क्या होगा। 🙏🙏

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