
Vinay Ratan Singh
February 7, 2025 at 07:56 AM
सामाजिक अपमान गरीबी से अधिक खटकता है।
अधिकार मांगे नहीं, छीने जाते हैं।
अपने विचारों से उत्तर भारत में प्रभुत्वशाली वर्णाश्रमीय सोच के विरुद्ध वैकल्पिक सामाजिक और बौद्धिक हस्तक्षेप की ज़मीन तैयार करने वाले प्रखर समाज सचेतक पेरियार ललई सिंह यादव जी के परिनिर्वाण दिवस पर उन्हें शत-शत नमन।
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