
सद्गुरुवाणी
February 13, 2025 at 02:26 AM
*शरीर के महत्व को यदि समझ लेंगे तो भाग्य और तेज हो जायेगा...तीन लोक के नाथ बनने की क्षमता विद्यमान है....*
- आचार्य श्री विद्यासागर जी
- 12/2/2020, इंदौर
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*पूरा प्रवचन -* https://youtu.be/VmqgH3FO4UA?si=NDhFWQJRE4rI1Bvu
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नादान, दीन, मतिहीन, कुशील, मोही!
क्यों "सार है" कह रहा, जड़ देह को ही।
तू काँच में रम रहा, तज दिव्य हीरा !!!
क्यों घास तू चर रहा, तज मिष्ट सीरा।।
- निजानुभव शतक,२६
- आचार्य श्री विद्यासागर जी