
सद्गुरुवाणी
February 14, 2025 at 02:37 AM
https://youtube.com/shorts/t1J7iaqdbaM?si=yF5b2NyWkTLl23P-
*_कल्याण जो होता है वह, निर्दोष मार्ग पर आरूढ़ होने से होता है_*
*भगवन्!* अपने इस पथ पर *आरूढ़ होकर,* अंत में *सल्लेखना पूर्वक समाधि* को प्राप्त किया है और *विश्व के लिए आदर्श* प्रस्तुत किया है।
- आचार्य श्री समयसागर जी
- 6/2/25, सतना (म.प्र.)
- (18.12 से 20.43 तक)
*_आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के समाधि स्मृति दिवस पर विशेष उद्बोधन-_*
https://youtu.be/yl1Mj1663hA?si=OWw41EpoYoyr1_XG
👏👏👏
मैं यथाकार बनना चाहता हूँ
व्यथाकार नहीं।
और
मैं तथाकार बनना चाहता हूँ
कथाकार नहीं।
.....
*कृति रहे, संस्कृति रहे*
*आगामी असीम काल तक*
*जागृत... जीवित... अजित !*
सहज प्रकृति का वह
श्रृंगार-श्रीकार
मनहर आकार ले
जिसमें आकृत होता है।
*कर्ता न रहे, वह*
*विश्व के सम्मुख कभी भी*
विषम-विकृति का वह
क्षार-दार संसार
अहंकार का हुंकार ले
जिसमें जागृत होता है।
और
हित स्व-पर का यह
निश्चित निराकृत होता है !
- *मूकमाटी :: २४६*
- *आचार्य श्री विद्यासागर जी*
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