
सद्गुरुवाणी
February 14, 2025 at 12:51 PM
*अनल सलिल हो, विष सुधा,*
*व्याल माल बन जाय।*
*दया मूर्ति के दरस से,*
*"क्या का क्या" बन जाय।।९२।।*
- सर्वोदय शतक
- आचार्य श्री विद्यासागर जी
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