
सद्गुरुवाणी
February 18, 2025 at 04:21 PM
*_इंडिया से भारत की ओर लौट चलो - 11_*
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*18 वीं शताब्दी के परिष्कृत भारतीय विज्ञान के बारे में मुक्त कंठ से सभी के द्वारा प्रशंसा की गई है।*
10-10, 20-20 हजार भट्टियों के माध्यम से *उत्कृष्ट लोह-तत्व का उत्पादन* यहाँ पर होता था, ऐसा नहीं की खदान खोद-खोद करके विदेश को बेचते चले जाओ।
- _आचार्य श्री विद्यासागर जी_
- _9/9/2014, विदिशा (म.प्र.)_
- _(13.20 से 14.42 तक)_
*संपूर्ण साक्षात्कार-*
https://youtu.be/iLjJqETgzOI?si=NpuGMDboPGQsGROR
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"भारत, जो कभी ज्ञान-विज्ञान और उत्पादन का केंद्र था, आज केवल कच्चे माल का निर्यातक बनकर रह गया है। हमें पुनः अपने गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेकर स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना होगा।"
"जब तक हम अपने संसाधनों को केवल कच्चे रूप में भेजते रहेंगे, तब तक समृद्धि दूसरे देशों की होगी। असली आत्मनिर्भरता तब आएगी जब हम अपने संसाधनों से श्रेष्ठ उत्पाद बनाएंगे और भारत को निर्माण का केंद्र बनाएंगे।"
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*याचना जिनका मुख्य काम,*
*बिना परिश्रम चाहते दाम।*
*सत्पुरुष कहें वे श्रीराम,*
*पुरुषार्थी को मिले आराम।।*
- _समकित लाभ_
- _आचार्य श्री विद्यासागर जी_
*🇮🇳॥इंडिया नहीं भारत बोलो॥🇮🇳*
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