
RTI Activist SahDev
February 22, 2025 at 10:55 PM
*फर्जी अदालती सुनवाई के आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार: पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय*
एक बड़े घटनाक्रम में, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक जटिल साइबर-धोखाधड़ी मामले में आरोपी अतनु चौधरी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया , जिसमें प्रतिरूपण और एक नकली आभासी अदालत की सुनवाई का निर्माण शामिल था। न्यायमूर्ति महाबीर सिंह सिंधु के नेतृत्व वाली अदालत ने साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मुद्दे पर प्रकाश डाला और आरोपी की हरकतों की गहन जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।
*मामले का विवरण:*
यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब एक प्रमुख कपड़ा व्यवसायी और वर्धमान समूह के अध्यक्ष एसपी ओसवाल ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके साथ साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी की है। इन अपराधियों ने एक फर्जी वर्चुअल कोर्ट रूम बनाया जिसमें अतनु चौधरी और उनके सह-आरोपी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी बनकर आए । एक अपराधी ने फर्जी कोर्ट की सुनवाई में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ का भी रूप धारण कर लिया।
न्यायालय ने कहा कि आरोपी की हरकतें, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के दस्तावेजों की जालसाजी शामिल है , गंभीर हैं और इसके लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है। पुलिस ने घोटाले में अतनु चौधरी की संलिप्तता की गहन जांच के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करने की तत्काल आवश्यकता पर भी जोर दिया।
*प्रतिवादी के तर्क:*
अपनी अग्रिम जमानत याचिका में अतनु चौधरी ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है। उन्होंने तर्क दिया कि उनके बैंक खाते में 25 करोड़ रुपये की प्रविष्टियां उनकी सहमति के बिना की गई थीं और यह राशि पहले ही शिकायतकर्ता को हस्तांतरित कर दी गई थी। हालांकि, अदालत ने इन तर्कों को जमानत देने के लिए अपर्याप्त पाया।
*निष्कर्ष* :
अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए, जिसमें प्रतिरूपण, जालसाजी और 7 करोड़ रुपये का धोखाधड़ीपूर्ण हस्तांतरण शामिल है , न्यायालय ने फैसला सुनाया कि हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। परिणामस्वरूप, न्यायमूर्ति महाबीर सिंह सिंधु ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया, इस बात पर जोर देते हुए कि आरोपी के कार्यों के लिए गहन जांच और धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत सजा की आवश्यकता है।
*याचिकाकर्ता बनाम प्रतिवादी: अतनु चौधरी बनाम पंजाब राज्य*
❤️
3