ISLAAM KA NOOR💖इस्लाम का नूर💓
January 31, 2025 at 04:42 PM
मसअला: रोज़े में अ़त्र या खुशबू सूंघने से रोज़ा नहीं टूटता। ✅
वज़ाह़त:👇👇👇
अ़ाम त़ौर पर ये मशहूर है कि रोज़े की ह़ालत में अ़त्र या खुशबू सूंघने से रोज़ा टूट जाता है, जबकि शरई़ त़ौर पर ऐसा नहीं है।
✅ माएअ़ (Liquid) या ठोस खुशबू सूंघने से रोज़े पर कोई असर नहीं पड़ता, जैसे अ़त्र, पर्फ़्यूम, या किसी फूल की खुशबू। ये चीज़ें सांस के ज़रिए जिस्म में दाख़िल नहीं होतीं, इसलिए रोज़ा मुकम्मल तौर पर बरक़रार रहता है।✅✅✅
🚫 लेकिन अगर किसी ने ख़ुशबूदार या गैर ख़ुशबूदार धुएं को नाक या मुंह के ज़रिए जानबूझ कर अंदर खींचा, जैसे अगरबत्ती, बख़ूर (धूनी), या सिगरेट का धुआं, तो ये ह़लक़ में ज़रूर पहुंचेगा, जिससे रोज़ा फासिद हो जाएगा (टूट जाएगा) जब कि रोज़ेदार होना याद हो।
🔹 लिहाज़ा, रोज़े की ह़ालत में अ़त्र और ख़ुशबू लगाना या सूंघना बिल्कुल जाइज़ है, ✅
लेकिन हालते रोज़ा में किसी भी क़िस्म के धुएं को खींचने से इज्तिनाब (परहेज़) करना बहरहाल ज़रूरी है। ❗️
माख़ूज़ अज़: बहारे शरीअ़त,जिल्द,1, पेज 982 ✅
✍ मुह़म्मद अ़म्मार रज़ा क़ादरी रज़वी पलामवी
30 रजब,1446 हिजरी, जुमा❤️
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