
ISLAAM KA NOOR💖इस्लाम का नूर💓
February 3, 2025 at 02:16 PM
एक ज़माना था जब मुसलमान इ़ल्मो-हिकमत, अ़द्लो-इनसाफ़ और बहादुरी के साथ दुनिया की अ़ज़ीम सल्तनतों पर ह़ुकूमत करते थे, लेकिन अफ़सोस! आज वो अपनी ही बेटियों की सही रहनुमाई और तरबियत तक से क़ासिर नज़र आते हैं।
वो क़ौम जो माज़ी (past) में दुनिया के नक़्शे बदलने की ताक़त रखती थी, आज अपने घरों के चराग़ बुझने से नहीं रोक पा रही। अगर हम अपनी नस्लों की दीनी व अख़लाक़ी तरबियत, ह़या व ग़ैरत की हिफ़ाज़त और इस्लामी क़द्रों की पासदारी में कोताही करते रहे, तो हमारा ज़वाल मजीद (ज़्यादा) गहरा होता जाएगा। वक़्त का तक़ाज़ा है कि हम अपनी बेटियों को दीने इस्लाम के नूर से मुनव्वर करें, ताकि हमारी अ़ज़मत फिर से बहाल हो सके। 🌟🤍💯🌙🫶🩷
✍ मुह़म्मद अ़म्मार रज़ा क़ादरी रज़वी पलामवी
03 रजब,1446 हिजरी, पीर❤️
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