ISLAAM KA NOOR💖इस्लाम का नूर💓
ISLAAM KA NOOR💖इस्लाम का नूर💓
February 4, 2025 at 02:41 PM
किसी ऐसे अ़ालिमे दीन से ह़सद करना जो दीने मतीन के ग़लबे और इशाअ़त के लिए मुख़लिसाना जिद्दोजहद कर रहा हो, निहायत ख़तरनाक और नापसंदीदा रवैया है। अगर कोई शख़्स किसी अ़ालिम की ज़ात से ह़सद करे, तो ये अपनी जगह एक बड़ा गुनाह है, लेकिन इस से भी ज़्यादा संगीन और तश्वीशनाक बात ये है कि कोई ये खाहिश करे कि उस अ़ालिम से दीन की ख़िदमत का शरफ़ छिन जाए, वो सुस्ती का शिकार हो जाए या दीन का ये अज़ीम काम तर्क कर दे।❗️ ऐसा सोचना दरहक़ीक़त दीने मतीन के नुक़सान का ख्वाहां होना है, क्योंकि वो काम जिसकी तर्वीज़ व इशाअ़त के लिए अल्लाह तअ़ाला ने हुक्म दिया, और जिस मिशन को लेकर रसूले करीम ﷺ दुनिया में तशरीफ़ लाए, उसे रोकने की खाहिश रखना सरासर दीन दुश्मनी के मुतरादिफ़ है। ये रवैया न सिर्फ़ ईमान के लिए ख़तरनाक है बल्कि दीन की ख़िदमत में रुकावट डालने की वजह से शदीद गुनाह का बाइस भी है। ❗️ लिहाज़ा, एक मुसलमान को चाहिए कि वह दीन के ख़ादिमों की तरक़्क़ी व कामयाबी की दुअ़ा करे, न कि उनके ह़क़ में रुकावटें और बदगुमानी पैदा करे। फ़ैज़ाने आला ह़ज़रत ग्रुप ❶ 👇 Https://chat.whatsapp.com/KuwCIFTCqTzFfAii3rTUyr फ़ैज़ाने आला ह़ज़रत ग्रुप ❷ 👇 Https://chat.whatsapp.com/GiXtMiuIVDH4vb1njLCn6d
👍 ❤️ 5

Comments