
ISLAAM KA NOOR💖इस्लाम का नूर💓
February 21, 2025 at 01:01 PM
✅🔴अपनी बीवी को बांदी नहीं, जीवन (ज़िंदगी) की साथी समझो 🌸👇
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अल्लाह तअ़ाला ने मर्द और अ़ौरत को एक-दूसरे का लिबास बनाया है ताकि दोनों एक-दूसरे को सुकून और इज़्ज़त प्रदान करें।
निकाह मह़ब्बत, रहमत और एअ़तबार की बुनियाद पर काए़म होता है, लेकिन अफ़सोस कि आज बहुत से घरों में बीवियों पर ज़ुल्म आम हो चुका है।
शौहर की सख़्ती, बेवजह ग़ुस्सा, बेइ़ज़्ज़ती और मारपीट ने नजाने कितनी औरतों की ज़िंदगी जहन्नम बना दी है।
❓ एक सवाल जो हर शौहर को खुद से करना चाहिए:👇
क्या तुम बर्दाश्त कर सकते हो कि कोई तुम्हारी बहन या बेटी को गाली दे, उस पर हाथ उठाए, उसकी इज़्ज़ते नफ्स को रौंदे?
यक़ीनन तुम्हारा जवाब "नहीं" होगा! ✅❗
तो फिर दूसरों की बेटी के साथ ऐसा सुलूक क्यों?
वो भी तो किसी की इ़ज़्ज़त और किसी के दिल का टुकड़ा है।✅
👩❤️👨 बीवी मह़ब्बत की त़लबगार होती है, ज़ुल्म की नहीं
एक अ़ौरत अपना सब कुछ छोड़कर तुम्हारे घर आती है, इस उम्मीद के साथ कि तुम उसे इ़ज़्ज़त दोगे, मह़ब्बत दोगे,
उसके जज़्बात की क़दर करोगे।
वो तुम्हारी नौकरानी नहीं,
तुम्हारी ज़िंदगी की साथी है।
लेकिन जब तुम उस पर गुस्सा करते हो, उसकी बेइ़ज़्ज़ती करते हो, उसके जज़्बात को रौंदते हो, तो सोचो! उसके दिल पर क्या गुजरती होगी?
⚖️ ज़ुल्म का बदला ज़रूर मिलता है!
हदीसे पाक में आया है: 👇
اتَّقِ دَعْوَةَ الْمَظْلُومِ ، فَإِنَّهَا لَيْسَ بَيْنَهَا وَبَيْنَ اللَّهِ حِجَابٌ.
"मज़लूम की बद्दुअ़ा से बचो, क्योंकि उसके और अल्लाह तअ़ाला के बीच कोई परदा नहीं होता।"
📖 [सहीह बुखारी, हदीस नंबर: 2448]
याद रखो! अगर तुम अपनी बीवी पर ज़ुल्म करोगे तो अल्लाह तअ़ाला तुम्हें किसी न किसी तरीक़े से इसका बदला देगा, चाहे वो किसी मुसीबत की सूरत में हो या तुम्हारे अपने घर में।
🏡 मह़ब्बत और सुकून वाला घर कैसे बने?
✅ बीवी की इ़ज़्ज़त करो, जैसे तुम अपनी बहन और बेटी की इज़्ज़त चाहते हो।
✅ मारपीट और गाली-गलौच से परहेज करो, क्योंकि यह रसूलुल्लाह ﷺ की सुन्नत के खिलाफ़ है।
✅ बीवी के जज़्बात को समझो, उससे नरमी और मह़ब्बत से बात करो।
✅ अगर वो ग़लती करे तो सख़्ती के बजाय नरमी से समझाओ, क्योंकि नरमी हर चीज़ को ख़ूबसूरत बना देती है।
✅ मोहब्बत, इज़्ज़त और एतबार वे बुनियादें हैं जिन पर खुशहाल शादीशुदा ज़िंदगी कायम होती है।
📌 आख़िर में एक नसीह़त: 👇
ज़िंदगी बहुत छोटी है, मह़ब्बत और इज़्ज़त के साथ गुज़ारो।
घर को जन्नत बनाओ, जहन्नम नहीं।
बीवी को इ़ज़्ज़त दो, वो तुम्हें मह़ब्बत और सुकून देगी।
क्योंकि सच्चा मर्द वही है जो अ़ौरत को मारने वाला नहीं, बल्कि उसके आंसू पोंछने वाला हो!
🤲 अल्लाह तअ़ाला तमाम मुस्लिम शौहरों को अपनी बीवियों के साथ हुस्ने सुलूक करने की तौफ़ीक़ अ़ता फरमाए, आमीन! 🤲🤲
✍️ मुह़म्मद अ़म्मार रज़ा क़ादरी रज़वी पलामवी
22 शअ़बान 1446, हिजरी, जुमा
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