ISLAAM KA NOOR💖इस्लाम का नूर💓
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February 22, 2025 at 06:42 AM
हर कलिमा पढ़ने वाला मुसलमान नहीं होता! ❗👇 मुनाफ़िक़ीन तो ख़ूब ज़ोर-शोर से कलिमा पढ़ते हैं, हालाँकि उनके लिए क़ुरआने पाक में 👇 فی الدرک الاسفل من النار. का फ़रमान है। यानी मुनाफ़क़ीन जो कि सिर्फ ज़बान से कलिमा पढ़ते हैं और दिल से नबी की अ़ज़मत के मुनकिर हैं जैसे आज के वहाबी देवबंदी......इन को जहन्नम की निचली तह में डाला जाएगा। वल-इ़याज़ु बिल्लाह। (अल्लाह की पनाह)
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