Pramod Kumar Diwakar
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                February 19, 2025 at 05:05 AM
                               
                            
                        
                            संत गाडगे महाराज जी, जिन्हें संत गाडगे बाबा के नाम से भी जाना जाता है, 19वीं और 20वीं सदी के प्रमुख भारतीय संत और समाज सुधारक थे। उनका जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के शेडगाँव गाँव में हुआ था। उनका असली नाम देबूजी झिंगराजी जानोरकर था।
मुख्य बिंदु:
सामाजिक सुधार: गाडगे बाबा ने अपना जीवन सामाजिक न्याय, समानता, और विशेष रूप से स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित किया। उन्होंने गांव-गांव घूमकर स्वच्छता का संदेश दिया और अपने साथ एक झाड़ू लेकर गांव की सफाई भी की।
शिक्षा और स्वास्थ्य: उन्होंने शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और स्वास्थ्य सेवाओं, शैक्षणिक संस्थानों, धर्मशालाओं, और पशु आश्रयों की स्थापना के लिए धन एकत्र किया। उनकी कीर्तन शैली के माध्यम से, उन्होंने समाज में फैले अंधविश्वास और जातीय भेदभाव के खिलाफ बोला।
स्वच्छता अभियान: उन्होंने 'स्वच्छ ग्राम' अभियान की शुरुआत की, जो बाद में महाराष्ट्र सरकार द्वारा 'संत गाडगे बाबा ग्राम स्वच्छता अभियान' के रूप में विस्तारित किया गया।
सादगी और सेवा: संत गाडगे बाबा सादगी और समाज सेवा के प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवन में कभी भी निजी संपत्ति नहीं रखी और अपने जीवन के सारे पैसे सामाजिक कार्यों में लगा दिए।
संबंध अम्बेडकर के साथ: संत गाडगे बाबा डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के समकालीन थे और उनसे कई बार मिले। दोनों ने समाज सुधार के लिए काम किया, हालांकि उनकी दृष्टिकोण अलग-अलग थे - बाबा ने सामाजिक परिवर्तन को धार्मिक और सांस्कृतिक उपदेशों के माध्यम से प्रेरित किया, जबकि अम्बेडकर ने राजनीतिक और कानूनी सुधारों को महत्व दिया।
संत गाडगे बाबा का निधन 20 दिसंबर, 1956 को हुआ। उनकी विरासत आज भी महाराष्ट्र और भारत में जीवित है, जिसमें स्वच्छता अभियान, शिक्षा और सामाजिक न्याय के प्रति उनका समर्पण शामिल है।