MNT News Network
February 1, 2025 at 05:49 PM
*"भारत का संविधान" में पांच प्रकार की स्वतंत्रता का उल्लेख है*।
1- विचार 2- अभिव्यक्ति 3- विश्वास 4- धर्म 5- उपासना
1- *विचार की स्वतंत्रता*- प्रत्येक नागरिक को सोचने, समझने, विचार करने, मंथन करने और शोध करने की स्वतंत्रता है।
2- *अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता*- प्रत्येक नागरिक को अपने अर्जित ज्ञान,शोध विचार, उपलब्धि को, मंतव्य को व्यक्त व अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता का अधिकार समान रूप से सबको है।
3- *विश्वास की स्वतंत्रता*- प्रत्येक नागरिक को किसी वस्तु, स्थान, विचारधारा (दर्शन) को मानना और नहीं मानना उसकी स्वतंत्रता का अधिकार है।
4- *धर्म की स्वतंत्रता*- भारत के प्रत्येक नागरिक को धार्मिक आजादी हो, वह जिस किसी धर्म को मनाना चाहे, वह उसे माने, वह जिसे नहीं मानना चाहे ना माने, उसे कोई किसी धर्म को मानने के लिए राज्य या अन्य ताकत, उसे बाध्य और मजबूर नहीं कर सकता है। ऐसा भारतीय संविधान में प्रावधान है।
5- *उपासना की स्वतंत्रता*- भारत के प्रत्येक नागरिक को यह आजादी हो, कि वह उपासना- पूजा, अर्चना, आराधना, मन्नत,मान- वंदना, जैसा चाहे वैसा, जिसे चाहे उसका कर सकता है। राज्य या अन्य ताकत, उसे बाध्य, प्रताड़ित या प्रभावित नहीं कर सकता।
*धन्यवाद।*
*सौ बात की एक बात। मूलनिवासियों का वोट,*
*मूलनिवासियों के साथ।।*
*विशेष*- मूलनिवासी शब्द की मारक क्षमता भारत से लेकर यूरेशिया तक है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा *जय मूलनिवासी* शब्द का प्रयोग एवं प्रचार करें।
*जय मूलनिवासी, जय संविधान, जय लोकतंत्र, जयविज्ञान।*
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