
Agriculture Junction
February 12, 2025 at 02:53 AM
*कृषि सलाह*
किसान भाईयों कृषि कार्यों को समय पर करने से और उन्नत कृषि विधियां अपनाने से कृषि से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। समय पर कृषि क्रियाएं करने से रोग व कीटों का आक्रमण कम हो जाता है तथा इनसे होने वाली हानि को रोककर उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है। किसानों के लिए कृषि कार्यों में इस सप्ताह 10 फरवरी से 16 फरवरी तक किए जाने वाले कृषि कार्य निम्न हैं।
• कुष्माण्ड कुल की ग्रीष्मकालीन सब्जियों जैसे तुरई, कद्दू, करेला, टिण्डा, ककडी, खरबूज, तरबूज और खीरा की बुवाई हेतु खेत को जुताई कर तैयार कर लेवे तथा आवश्यक आदानों जैसे बीज, रसायन और उर्वरकों की अग्रिम व्यवस्था कर लेवें। अन्तिम जुताई से पूर्व 20-25 क्विंटल अच्छी सडी हुई गोबर की खाद प्रति हैक्टेयर की दर से खेत मे मिला देवें। दुर्गापुरा मधु, पंजाब सुनहरी, पंजाब हाइब्रिड, अर्काजीत, हरा मधु, पूसा मधुरस खरबूजे की, शुगर बेबी, दुर्गापुरा मीठा, दुर्गापुरा केसर, अर्का ज्योति (संकर), मधु (संकर) तरबूज की, बीकानेरी ग्रीन, दिल पसन्द, अर्काटिण्डा टिण्डे की तथा लखनऊ अगेती और अर्का शीतल ककडी की उन्नत किस्में हैं।
लहसुन और प्याज की फसल में थ्रिप्स कीट (पर्ण जीवी कीट) के प्रकोप की सम्भावना है। यह कीट पत्तियों से रस चूसते है जिससे पत्तियाँ कमजोर पड़ जाती है तथा हानि वाले स्थान पर सफेद चकतें पड़ जाते है। इस कीट के नियंत्रण हेतु मिथाइल डिमेटोन 25 ई.सी. अथवा मैलाथियॉन 50 ई.सी. का एक मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
मटर की फसल में फली छेदक लट का प्रकोप दिखाई देने पर मैलाथियॉन 50 ईसी एक मिली का प्रति लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करें।
• पपीतें की फसल में पर्ण कुंचन और मोजेक रोग की रोकथाम हेतु रोगग्रस्त पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर देवें तथा रोग के प्रसार को रोकने के लिये डाईमिथोएट 30 ई.सी. अथवा मिथाइल डिमेटान 25 ई.सी. एक मि.ली. प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
पशुपालको को सलाह दी जाती है कि वे अपने पशुओं को पेट के आन्तरिक कृमियों को मारने की दवा अवश्य पिलावे।
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