कर्मकाण्ड सीखें
कर्मकाण्ड सीखें
February 25, 2025 at 06:16 AM
https://youtu.be/lHXymxqDkYw 👆👆👆 *॥ कुलदेवताभ्यो नमः ॥* यदि यह ज्ञात हो कि कोई पूर्वज प्रेतयोनी में ही दुःख भोग रहे हैं तो वंशजों अर्थात् पुत्र-पौत्रादि का कर्तव्य होता है उनके प्रेतत्व निवारण का प्रयत्न करना न किसी स्थान पर, यथा कुलदेवता, पिंडा (तुलसी चौड़ा) इत्यादि में बंदी बनाकर रखना। इसका दो तात्पर्य है यदि कुलदेवता के पास प्रेत का निवास देते हैं तो कुलदेवता ही प्रस्थान कर चुके हैं अथवा विदा हो जायेंगे और दूसरा प्रेत के प्रेतत्व का निवारण नहीं होगा और दुःख पाता रहेगा। ये प्रेतपूजकों द्वारा जनमानस को भ्रमित कर दिया गया और उसी का परिणाम है कि यदि यह ज्ञात भी हो जाये कि अमुक पूर्वज प्रेतयोनी में ही दुःख भोग रहा है तो भी उसके प्रेतत्व निवारण का प्रयत्न न करके उसे बंदी बना कर रखते हैं। इसके साथ ही मृतकों के फोटो की पूजा का भी प्रचलन हो रहा है जो शास्त्र विरुद्ध है व पितरों के लिये कष्टप्रद है।

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