Dr Chakra Acharya Astro Vastu
                                
                                    
                                        
                                    
                                
                            
                            
                    
                                
                                
                                February 9, 2025 at 10:51 AM
                               
                            
                        
                            *_सनातन धर्म की 17 महत्वपूर्ण जानकारी..._* सभी के साथ शेयर करे
डॉ चक्र आचार्य 
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01 *`10 कर्तव्य :`* 
1.संध्या वंदन, 2.व्रत, 3.तीर्थ, 4.उत्सव, 5.दान, 6.सेवा 7.संस्कार, 8.यज्ञ, 9.वेद पाठ, 10.धर्म प्रचार।
 
02 *`10 सिद्धांत :`* 
1.एको ब्रह्म द्वितीयो नास्ति (एक ही ईश्वर है दूसरा नहीं), 2.आत्मा अमर है, 3.पुनर्जन्म होता है, 4.मोक्ष ही जीवन का लक्ष्य है, 5.कर्म का प्रभाव होता है, जिसमें से कुछ प्रारब्ध रूप में होते हैं इसीलिए कर्म ही भाग्य है, 6.संस्कारबद्ध जीवन ही जीवन है, 7.ब्रह्मांड अनित्य और परिवर्तनशील है,8.संध्यावंदन-ध्यान ही सत्य है, 9.वेदपाठ और यज्ञकर्म ही धर्म है, 10.दान ही पुण्य है।
 
03 *`10 महत्वपूर्ण कार्य :`* 
1.प्रायश्चित करना, 2.उपनयन, दीक्षा देना-लेना, 3.श्राद्धकर्म, 4.बिना सिले सफेद वस्त्र पहनकर परिक्रमा करना, 5.शौच और शुद्धि, 6.जप-माला फेरना, 7.व्रत रखना, 8.दान-पुण्य करना, 9.धूप, दीप या गुग्गल जलाना, 10.कुलदेवता की पूजा।
 
04 *`10 उत्सव :`* 
1.नवसंवत्सर, 2.मकर संक्रांति, 3.वसंत पंचमी, 4.पोंगल-ओणम, 5.होली, 6.दीपावली, 7.रामनवमी, 8.कृष्ण जन्माष्टमी, 9.महाशिवरात्री और 10.नवरात्रि।
 
05 *`10 पूजा :`* 
1.गंगा दशहरा, 2.आंवला नवमी पूजा, 3.वट सावित्री, 4.दशामाता पूजा, 5.शीतलाष्टमी, 6.गोवर्धन पूजा, 7.हरतालिका तिज, 8.दुर्गा पूजा, 9.भैरव पूजा और 10.छठ पूजा।
ये कुछ महत्वपूर्ण पूजाएं है जो हिन्दू करता है। हालांकि इनके पिछे का इतिहास जानना भी जरूरी है।
 
06 *`10 पवित्र पेय :`* 
1.चरणामृत, 2.पंचामृत, 3.पंचगव्य, 4.बिल्वरस, 5.अमृत, 6.तुलसी रस, 7.खीर, 9.आंवला रस और 10.नीम रस। ये सभी रस अमृत समान है।
 
07 *`10 पूजा के फूल :`*
1.आंकड़ा, 2.गेंदा, 3.पारिजात, 4.चंपा, 5.कमल, 6.गुलाब, 7.चमेली, 8.गुड़हल, 9.कनेर, और 10.रजनीगंधा।
प्रत्येक देवी या देवता को अलग अलग फूल चढ़ाए जाते हैं लेकिन आजकल लोग सभी देवी-देवता को गेंदे या गुलाब के फूल चढ़ाकर ही इतिश्री कर लेते हैं जो गलत है।
 
08 *`10 धार्मिक स्थल :`* 
12 ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ, 4 धाम, 7 पुरी, 7 नगरी, 4 मठ आश्रम, 10 समाधि स्थल, 5 सरोवर, 10 पर्वत और 10 गुफाएं हैं।
 
09 *`10 महाविद्या :`* 
1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4. भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला।
बहुत कम लोग जानते हैं कि ये 10 देवियां कौन हैं। नवदुर्गा के अलावा इन 10 देवियों के बारे में विस्तार से जानने के बाद ही इनकी पूजा या प्रार्थना करना चाहिए। बहुत से हिन्दू सभी को शिव की पत्नीं मानकर पूजते हैं जोकि अनुचित है।
 
10 *`10 धार्मिक सुगंध :`*
1.गुग्गुल, 2.चंदन, 3.गुलाब, 4.केसर, 5.कर्पूर, 6.अष्टगंथ, 7.गुढ़-घी, 8.समिधा, 9.मेहंदी, 10.चमेली।
समय समय पर इनका उपयोग करना बहुत शुभ, शांतिदायक और समृद्धिदायक होता है।
 
11 *`10 यम-नियम :`*
1.अहिंसा, 2.सत्य, 3.अस्तेय 4.ब्रह्मचर्य 5.अपरिग्रह। 6.शौच 7.संतोष, 8.तप, 9.स्वाध्याय और 10.ईश्वर-प्रणिधान।
ये 10 ऐसे यम और नियम है जिनके बारे में प्रत्येक हिन्दू को जानना चाहिए यह सिर्फ योग के नियम ही नहीं है ये वेद और पुराणों के यम-नियम हैं। क्यों जरूरी है? क्योंकि इनके बारे में आप विस्तार से जानकर अच्छे से जीवन यापन कर सकेंगे। इनको जानने मात्र से ही आधे संताप मिट जाते हैं।
12 *`10 बाल पुस्तकें :`*
1.पंचतंत्र, 2.हितोपदेश, 3.जातक कथाएं, 4.उपनिषद कथाएं, 5.वेताल पच्चिसी, 6.कथासरित्सागर, 7.सिंहासन बत्तीसी, 8.तेनालीराम, 9.शुकसप्तति, 10.बाल कहानी संग्रह।
अपने बच्चों को ये पुस्तकें जरूर पढ़ाए। इनको पढ़कर उनमें समझदारी का विकास होगा और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।
 
13 *`10 ध्वनियां :`*
1.घंटी, 2.शंख, 3.बांसुरी, 4.वीणा, 5. मंजीरा, 6.करतल, 7.बीन (पुंगी), 8.ढोल, 9.नगाड़ा और 10.मृदंग।
घंटी बजाने से जिस प्रकार घर और मंदिर में एक आध्यात्मि वातावरण निर्मित होता है उसी प्रकार सभी ध्वनियों का अलग अलग महत्व है।
 
14 *`10 दिशाएं :`* 
1.उर्ध्व, 2.ईशान, 3.पूर्व, 4.आग्नेय, 5.दक्षिण, 6.नैऋत्य, 7.पश्चिम, 8.वायव्य, 9.उत्तर और 10.अधो।
इन दिशाओं के प्रभाव और महत्व को जानकर ही घर का वास्तु निर्मित किया जाता है। इन सभी दिशाओं के एक एक द्वारपाल भी होते हैं जिन्हें दिग्पाल कहते हैं।
15 *`10 दिग्पाल :`* 
10 दिशाओं के 10 दिग्पाल अर्थात द्वारपाल होते हैं या देवता होते हैं। 1.उर्ध्व के ब्रह्मा, 2.ईशान के शिव व ईश, 3.पूर्व के इंद्र, 4.आग्नेय के अग्नि या वह्रि, 5.दक्षिण के यम, 6.नैऋत्य के नऋति, 7.पश्चिम के वरुण, 8.वायव्य के वायु या मारुत, 9.उत्तर के कुबेर और 10.अधो के अनंत।
 
16 *`10 दैवीय आत्मा :`* 
1.कामधेनु गाय, 2.गरुड़, 3.संपाति-जटायु, 4.उच्चै:श्रवा अश्व, 5.ऐरावत हाथी, 6.शेषनाग-वासुकि, 7.रीझ मानव, 8.वानर मानव, 9.येति, 10.मकर। इन सभी के बारे में विस्तार से जानना चाहिए।
 
17 *`10 दैवीय वस्तुएं :`* 
1.कल्पवृक्ष, 2.अक्षयपात्र, 3.कर्ण के कवच कुंडल, 4.दिव्य धनुष और तरकश, 5.पारस मणि, 6.अश्वत्थामा की मणि, 7.स्यंमतक मणि, 8.पांचजन्य शंख, 9.कौस्तुभ मणि और 10.संजीवनी बूटी।
*नए भारत का वैश्विक संकल्प...* 
*सनातन वैदिक धर्म...विश्व धर्म*
*अखंड हिंदु राष्ट्र भारत...विश्व गुरु भारत*
                        
                    
                    
                    
                    
                    
                                    
                                        
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