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February 25, 2025 at 10:07 AM
*Link:* https://cliqindia.com/hindi/national/maha-kumbh-mela-area-declared-no-vehicle-zone-from-4-pm-today-amid-last-sacred-bathing-day-cliqexplainer/237093/ *महाशिवरात्रि पर अंतिम स्नान, आज शाम 4 बजे से कुंभ क्षेत्र में वाहनों की नो-एंट्री | CliqExplainer* *Highlights* प्रयागराज में शाम 4 बजे से वाहनों की नो-एंट्री। महाशिवरात्रि पर महाकुंभ मेले में अंतिम पवित्र स्नान आज। प्रयागराज में महाकुंभ मेले के क्षेत्र को मंगलवार शाम 4 बजे से पूरी तरह से नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जबकि पूरे शहर में यह प्रतिबंध शाम 6 बजे से लागू होगा। यह फैसला 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर अंतिम विशेष स्नान को देखते हुए लिया गया है, जब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। प्रशासन ने सुचारू भीड़ प्रबंधन के लिए यह कड़े यातायात प्रतिबंध लागू किए हैं, ताकि शहर में अव्यवस्था न फैले और श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। पिछले कई हफ्तों से रिकॉर्ड तोड़ भीड़ देखने को मिली है, और अंतिम स्नान में करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। अधिकारियों ने सभी आगंतुकों से इन नियमों का कड़ाई से पालन करने की अपील की है। हालांकि, आवश्यक सेवाओं जैसे दूध, सब्जियां, दवाएं, ईंधन और आपातकालीन वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट दी गई है। इसके अलावा, सरकारी कर्मियों, डॉक्टरों, पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक स्टाफ को भी आवाजाही की अनुमति होगी। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं के प्रवेश मार्गों के अनुसार स्नान घाट निर्धारित किए हैं। दक्षिणी झूंसी मार्ग से आने वाले श्रद्धालु अरैल घाट पर स्नान करेंगे, जबकि उत्तरी झूंसी मार्ग से आने वालों को हरिश्चंद्र घाट और पुराना जीटी घाट जाने के निर्देश दिए गए हैं। पांडेय क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु भरद्वाज घाट, नागवासुकी घाट, मोरी घाट, काली घाट, राम घाट और हनुमान घाट पर स्नान करेंगे। वहीं, अरैल सेक्टर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अरैल घाट निर्धारित किया गया है। प्रशासन ने अपील की है कि श्रद्धालु मुख्य तीर्थ स्थलों की ओर भीड़ न बढ़ाएं और अपने नजदीकी निर्धारित घाटों पर ही स्नान करें, ताकि अव्यवस्था न हो और स्नान प्रक्रिया सुचारू बनी रहे। 26 फरवरी को महाकुंभ मेले का समापन हो रहा है, जो एक महीने से अधिक समय तक चला। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, अब तक 63 करोड़ से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक इस भव्य आयोजन का हिस्सा बन चुके हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन ने पांटून पुलों पर भी निगरानी बढ़ा दी है, ताकि अधिक भीड़ होने पर उनकी आवाजाही को नियंत्रित किया जा सके। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे स्नान और पूजा-पाठ के बाद जल्द से जल्द अपने गंतव्य के लिए रवाना हों, ताकि भीड़ प्रबंधन में सहायता मिल सके। मेला पुलिस प्रशासन ने सभी आगंतुकों से इन दिशा-निर्देशों का पालन करने और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देने की अपील की है। महाकुंभ मेला, जो हर 12 साल में आयोजित होता है, एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन रहा है, जहां लाखों लोग पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर आस्था और आध्यात्मिक शांति की अनुभूति करते हैं। अंतिम स्नान के साथ इस दिव्य आयोजन का समापन हो रहा है, और प्रयागराज इस ऐतिहासिक अवसर पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ का साक्षी बनने जा रहा है।

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