
निरमा प्रकाशन
February 2, 2025 at 09:58 PM
https://nirmaprakashan.blogspot.com/2025/02/500.html
"हंसी के ग्रह पर" जेआर 'बिश्नोई' द्वारा लिखा गया एक उपन्यास है, जो भविष्य की 500 साल बाद की दुनिया में घटित मजेदार और हास्यप्रद घटनाओं पर आधारित है। इसमें एलियन्स और रोबोट्स के पृथ्वी पर आगमन के बाद की परिस्थितियों का वर्णन है, जहां वे न केवल तकनीकी सवाल पूछते हैं, बल्कि पिज्जा के गिरने और हंसी के विशेष तरीकों पर भी चर्चा करते हैं। मंगल ग्रह की यात्रा के दौरान लोग ट्रैफिक की चिंता करते हैं, और वहां सूरज भी चुटकुले सुनाता है। उपन्यास में हंसी से भरे संवाद, मजेदार घटनाएं और भविष्य की विचित्रताएं शामिल हैं, जो पाठकों को न केवल हंसाएंगी, बल्कि 500 साल बाद की दुनिया के बारे में सोचने पर भी मजबूर करेंगी। लेखक जेआर 'बिश्नोई' राजस्थान के जोधपुर के निवासी हैं, जिनकी सोच हमेशा अलग और हटकर होती है, और वे हर पहलू को एक नए दृष्टिकोण से देखने की कोशिश करते हैं।
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निरमा प्रकाशन