SSandeep Deo
SSandeep Deo
February 2, 2025 at 10:42 AM
व्यक्ति पूजा में मोहम्मदवादी काफिरों का गला उतरते हैं, लेकिन यहां तो एक व्यक्ति (नेता) की पूजा में संघी-सरकारी हिंदुओं की नयी जमात हिंदू धर्म के लोगों की मौत को ही छुपाने और उनके प्रति असंवेदनशीलता का नंगा नाच करने में जुटी है! इनकी नजर में सरकारी अव्यवस्था के कारण कुंभ में मारे गये हिंदुओं को मोक्ष मिला है? तो कोई कह रहा है कि इतने बड़े आयोजन में कुछ हिंदू मर ही गये तो क्या हुआ? तो कोई कह रहा है कि दोष हिंदुओं का ही है, क्यों इतनी बड़ी संख्या में वो कुंभ पहुंचे? तो कोई कह रहा है कि मरे हुए हिंदुओं की बात करके कुंभ को बदनाम किया जा रहा है? जैसे हिंदुओं की मौत से कुंभ को बड़ा सम्मान दिलाया हो इनके नेता ने? अतः इन असमय काल का ग्रास बने हिंदुओं के लिए आवाज नहीं उठाई जानी चाहिए! संघी-सरकारी जमात चाहती है कि लाशों में बदल चुके हिंदुओं का अंतिम संस्कार भी ठीक से न हो, इसीलिए यह लाशों को छुपाने में लगी है! लाशों की सही संख्या सामने आते ही इनके नये-नवेले देवता की PR से रची गई इमेज ढह जाने का खतरा है, इसीलिए सबको चुप कराने के लिए सोशल प्लेटफार्म पर यह जमात चहलकदमी करती हुई अपना 'श्वान आचरण' प्रदर्शित करती रहती है! वास्तव में संघी-सरकारी हिंदू, हिंदू विरोध और राष्ट्र द्रोह में अब्राहमिकों को भी पीछे छोड़ चुके हैं! अब्राहमिक कम से कम अपने मजहबी भाई के साथ तो खड़े होते हैं, यह संघी जमात तो अपने 'नये-नवेले देवता' के लिए हिंदुओं को ही गरियाने, उन्हें दोष देने और उनको कोसने में अपना सारा बल लगाता है! हिंदुओं की मौत इनके लिए कीड़े-मकोड़े की मौत है, जिस पर बात करने वाले को यह तत्काल देश-द्रोही का सर्टिफिकेट बांट देते हैं, जबकि सबसे बड़े देशद्रोही तो यही लोग हैं! असुरों-राक्षसों-दैत्यों-दानवों में व्यक्ति पूजा करने-कराने की सनक आरंभ से ही रही है! हिरण्यकशिपु, रावण, कंस से लेकर अब्राहमिक पैगंबरों तक इसकी एक लंबी श्रृंखला है। आज भी वही हो रहा है। संघी-सरकारी जमात एक नया कल्ट है, जिसका हिंदू धर्म से कोई लेना देना नहीं है। इस कल्ट को 'स्टॉकहोम सिंड्रोम' के शिकार और 'पोलिटिकली अछूत' बनाई जा चुकी एक जाति के मूढ़-भेड़ों से बहुत बल मिलता है! यह संघी-सरकारी जमात पूरी तरह से हिंदुओं और भारत, दोनों के प्रति गद्दारी से भरा और खतरा है! #sandeepdeo
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