
Farooqui Tanzeem Urdu daily
February 24, 2025 at 03:28 PM
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हाल ही में दिवंगत हुई कई प्रतिष्ठित हस्तियों और आम नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संवेदना पारित की गई। विधानसभा में सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित लोगों के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया गया। सदन ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य ने कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों को खो दिया है, जिनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की और उनके दुख में राज्य सरकार की सहभागिता जताई। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह क्षति अपूरणीय है और हम सभी उनकी यादों को संजोकर आगे बढ़ेंगे। इस अवसर पर विभिन्न दलों के नेताओं ने भी शोक संवेदना व्यक्त की और दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इन हस्तियों को दी गयी श्रद्धांजलि
विधानसभा के बजट सत्र में जिन हस्तियों को याद किया गया, इनमें मनमोहन सिंह, रतन नवल टाटा, सीताराम येचुरी, ओम प्रकाश चौटाला, एस एम कृष्णा, कुंवर नटवर सिंह, सधनु भगत, बच्चा सिंह, छत्रुराम महतो, बैरागी उरांव, गुलाब सिंह मुंडा, मनोरमा सिंह, डा० कृष्णानंद झा, विश्वनाथ सिंह, गणेश पासवान, प्रीतिश नंदी जनरल पदमनाभन, शारदा सिन्हा, उस्ताद जाकिर हुसैन, श्याम बेनेगल आदि प्रमुख है।
वर्ष 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर, 2024 को निधन हो गया। वर्ष 1971 में उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार तथा वर्ष 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया। सिंह 1982 से 1985 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष तथा वर्ष 1991 से वर्ष 1996 के बीच भारत के वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला। उन्हें वर्ष 1987 में भारत के दूसरे बडे नागरिक सम्मान पदम विभूषण, वर्ष 1993 एवं वर्ष 1994 में सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवॉर्ड तथा वर्ष 1993 में यूरो मनी आवॉर्ड से नवाजा गया था। माननीय श्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण एवं वैश्वीकरण की नीति अपनाई गई। स्व० सिंह के निधन से राजनीतिक एवं आर्थिक जगत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
देश के दिग्गज उद्योगपति और देश के सबसे बडे समूह टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का 09 अक्टूबर, 2024 को निधन हो गया। टाटा को वर्ष 2000 में पदमभूषण, वर्ष 2008 में पदम विभूषण, वर्ष 2007 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस की मानद फैलोशिप जैसे अनेक अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। स्व० टाटा का निधन सामाजिक तथा औद्योगिक क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है।
इसी तरह भारतीय राजनीति में करीब 5 दशक तक वामपंथी आंदोलन के पुरोधा सीताराम येचुरी का 12 सितंबर, 2024 को निधन हो गया। येचुरी वर्ष 2005 से वर्ष 2017 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। हम उनके निधन से दुखी हैं। शोक प्रस्तावना के बाद सदन को कल यानी 25 फरवरी के दिन 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
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