Adventure_xplore
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February 25, 2025 at 02:55 AM
*आशावाद का महत्व* आशावाद केवल एक मानसिक प्रवृत्ति नहीं, अपितु जीवन को गतिशीलता प्रदान करने वाला दार्शनिक दृष्टिकोण है। आशावाद व्यक्ति को निराशा, संदेह और हतोत्साह के अंधकार से निकालकर संभावनाओं के प्रकाश में खड़ा करता है। आशावादी व्यक्ति केवल परिस्थितियों को सकारात्मक रूप से नहीं देखता, बल्कि प्रतिकूलताओं में भी संभावनाओं का बीज खोज लेता है। *आशावाद वह विश्वास है जो उपलब्धि की ओर ले जाता है* आशा और आत्मविश्वास के बिना कुछ भी संभव नहीं है।' मानव जीवन अनिश्चितताओं से परिपूर्ण है, जहां सफलता और असफलता, सुख और दुख, उत्थान और पतन का चक्र अनवरत चलता रहता है। ऐसे में यदि व्यक्ति नकारात्मकता के भार से ग्रस्त हो जाए, तो उसकी चेतना निष्क्रिय हो जाती है और वह पराजय को ही अंतिम सत्य मान बैठता है। इसके विपरीत, आशावाद व्यक्ति को हर कठिनाई में एक नया मार्ग दिखाता है, जिससे वह अपने ध्येय की ओर निरंतर अग्रसर रह सकता है। महात्मा गांधी ने कहा है, 'आशावान व्यक्ति हर कठिनाई में अवसर देखता है।' आधुनिक मनोविज्ञान भी यह सिद्ध कर चुका है कि आशावादी व्यक्ति अधिक आत्मविश्वासी, सृजनशील और मानसिक रूप से सशक्त होते हैं। वे जीवन में आने वाली चुनौतियों को अवसर के रूप में स्वीकार करते हैं और निरंतर नवाचार की ओर अग्रसर रहते हैं। आशावाद न केवल व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है, बल्कि समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। जीवन में सतत प्रेरणा, आत्मबल और उत्साह बनाए रखने हेतु आशावाद ही सबसे बड़ा संबल है। आशावाद यह मानता है कि *'हर अंधेरी रात के बाद एक नया सवेरा आता है* आशा ही जीवन का सबसे बड़ा आधार है।'
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