
🕉️🇮🇳 वंदेमातरम्🚩🚩🇮🇳🇮🇳
March 1, 2025 at 02:55 AM
वर्ष 2009 की बात है… तेजस के लिए सबसे पहले प्लान किए गए कावेरी इंजन को अपने तय समय पर विकसित नहीं हो पाने के कारण इस स्वदेश इंजन कार्यक्रम को ठप्प घोषित किया जा चुका था!
सो, तेजस के लिए विदेशी इंजन प्लान किया गया, जिस हेतु एक टेंडर निकाला गया… प्रमुख रूप से 2 कंपनियां भाग लेती हैं प्रतिस्पर्धा में :-
1) अमरीका की जनरल इलेक्ट्रिक जो F414 इंजन की पेशकश करती है। यह इंजन F404 के बाद बनाया गया उन्नत श्रेणी का इंजन था। क्योंकि F404 जहां 85Kn थ्रस्ट जनरेट करता था… वहीं F414 98Kn थ्रस्ट जनरेट करता था।
2) दूसरी कंपनी जो भाग लेती है वह थी यूरोजेट… जो अपने EJ2000 की पेशकश करती है… यह इंजन अमरीकी F414 से अधिक थ्रस्ट जनरेट करता था… यानि 103Kn तथा इस पावरफुल इंजन के साथ दूसरी बढ़िया ऑफर दी जा रही थी यूरोजेट की तरफ से वो थी इसकी 60% तकनीक का भारत को हस्तांतरण।
यूरोजेट कंपनी… रोल्स रॉयस और जर्मन की एयरो इंजन का साझा प्लेटफार्म था… इसकी स्थापना के पीछे का प्लान… तब यूरोफाइटर टायफून जेट के लिए साझा रूप से एक फाइटर जेट इंजन विकसित करना था… और इस इंजन को नाम दिया गया था EJ2000
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भारतीय वायुसेना तेजस के लिए EJ2000 को सही मान रही थी। इसके पीछे के 3 कारण थे…
1. ये अन्य इंजन से अधिक थ्रस्ट जनरेट करता था यानि 103kn
2. अमरीकी इंजन के मुकाबले EJ2000 को तेजस के साथ सम्मिलित करने से तेजस फाइटर जेट की प्रोडक्शन कॉस्ट थोड़ी कम पड़ती।
3. यूरोजेट इस इंजन के साथ 60% तकनीकी हस्तांतरण की ऑफर दे रहा था, जिससे स्वदेशी कावेरी इंजन को विकसित करने में काफी सहायता मिलती और आज कावेरी इंजन बनकर तैयार हो चुका होता।
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परंतु इन सब तथ्यों को दरकिनार कर सरकारी कंपनी HAL ना तो 103Kn वाला EJ2000 चुनती है और ना ही 98Kn वाले F414 को चुनती है… इसके बजाए HAL तेजस के लिए GE के F404 को सेलेक्ट करती है जोकि 85Kn थ्रस्ट वाला था।
HAL अतीत के उस बिंदुओं को जानते हुए भी के जब तेजस के पहले 4 प्रोटोटाइप की टेस्टिंग के लिए F404 की डील की थी… तब भारत द्वारा परमाणु परीक्षण किए जाने के कारण अमरीका ने इन इंजनों की आपूर्ति रोक दी थी।
कहते हैं HAL के बड़े बाबुओं (अफसरों) को अमरीकी लॉबी यानी GE कंपनी से उस समय घूस मिली थी जिस कारण उन्होंने EJ2000 को टेंडर में सबसे बढ़िया होने के बावजूद नहीं चुना।
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आज यदि स्वदेशी कावेरी इंजन कार्यक्रम और तेजस को इंजन डिलीवरी का काम रुक हुआ है तो इसका कारण HAL द्वारा की गई अतीत की ये भूल है।
उस समय यदि HAL ने तेजस के लिए EJ2000 चुना होता तो :-
1) इसमें कोई अमरीकी दखल ना होने से तेजस को इंजन की डिलीवरी अविलंब चल रही होती।
2) यूरोजेट द्वारा EJ2000 के एक एडवांस्ड वेरिएंट जो 130Kn का है… वो इंजन तेजस मार्क-2, पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट AMCA और नेवी के TEDBF फाइटर जेट के शुरुआती प्रोटोटाइप के साथ इक्विप करने हेतु प्लान होता।
3) पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट (AMCA) के लिए जो पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी इंजन को विकसित करने की प्लानिंग की गई है… उस कार्यक्रम में भारत तथा यूरोजेट टाईअप कर एक साझा कार्यक्रम में उस स्वदेशी इंजन को डेवलप करते, जो लगभग 130Kn से 150kn का होता।
4) जब हम अमरीका और रूस के अलावा किसी तीसरे प्लेयर के साथ रक्षा साझेदारी करते हैं तो उस कार्यक्रम पर जियोपॉलिटिक्स के विपरीत प्रभाव नहीं पड़ते।
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