🕉️🇮🇳 वंदेमातरम्🚩🚩🇮🇳🇮🇳
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March 1, 2025 at 04:40 PM
तारीख है 5 दिसंबर 1994. हंगरी के बुडापेस्ट में अपनी बर्बादी के परवाने पर दस्तखत करते यूक्रेन के राष्ट्रपति। साथ में हैं रूसी राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन और अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन. और इसी के साथ यूक्रेन ने Nonproliferation of Nuclear Weapons (NPT) पर हस्ताक्षर कके खुद को As A Non-Nuclear-Weapons State घोषित कर दिया और अपने सभी 5000 परमाणु हथियार रूस के बोरिस येल्तसिन और अमेरिका को सौंप दिए. बदले में यूक्रेन को रूस से इस बात की लिखित गारंटी मिली कि यूक्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी रूस की है. इस समझौते में रूस ने यूक्रेन को लिखित गारंटी दिया कि किसी भी बाहरी आक्रमण पर यूक्रेन की रक्षा रूस करेगा बदले में अमेरिका ने रूस को गारंटी दी कि वो नाटो का विस्तार पूर्वी यूरोप में नहीं करेगा. लेकिन इस समझौते पर न रूस कायम रहा और न अमेरिका. हाँ, अपने परमाणु बमों की बलि चढ़ा के आज यूक्रेन ख़ुद बली का बकरा बन कर बर्बाद हो चुका है. 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका समेत समूचे विश्व के साथ-साथ इस देश के दीमक रूपी वामपंथियों ने भी अटल जी पर NPT पर हस्ताक्षर करने का ख़ूब दबाव डाला. किंतु अटल जी तो "अटल" थे. झुके ही नहीं. "अटल" ही रहे. 🙏
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