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February 3, 2025 at 04:01 AM
•भारत की आजादी के सर्वप्रथम प्रणेता (कूका विद्रोह), असहयोग आन्दोलन के मुखिया, सिखों के नामधारी पंथ के संस्थापक, तथा महान समाज-सुधारक *संत गुरू बाबा राम सिंह कूका जी* के जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन व आभार। 💐🙏🇮🇳 _वे प्रथम नेता थे जिन्होने कूका विद्रोह के द्वारा असहयोग और ब्रितानी वस्तुओं तथा सेवाओं के बहिष्कार को अंग्रेजों के विरुद्ध एक राजनैतिक हथियार के रूप में प्रयोग किया। सन्त गुरु राम सिंह ने 12 अप्रैल 1857 को श्री भैणी साहिब जिला लुधियाना (पंजाब) सफेद रंग का स्वतन्त्रता का ध्वज फहराकर अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का शंखनाद कर दिया था। उस समय भारतवासी गुलामी के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों के शिकार थे। इन परिस्थितियों में गुरु जी ने लोगों में स्वाभिमान से जीने की चेतना जागृत की। साथ ही भक्ति व वीर रस पैदा करने, देश प्रेम, आपसी भाईचारा, सहनशीलता व मिल बाँट कर रहने के लिए प्रेरित किया। *_कूका आंदोलन की खास बातें__* _कूका आंदोलन की शुरुआत 1857 में बैसाखी के दिन पंजाब के लुधियाना ज़िले के भैणी (साहिब) में हुई थी। _कूका आंदोलन के ज़रिए सिख धर्म को शुद्ध करने की कोशिश की गई। (शुद्ध का मतलब धर्म में गैर बराबरी समाप्त करना।) _इस आंदोलन में जाति और भेदभाव के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई गई। _इस आंदोलन में महिलाओं को एकांतवास छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया। _इस आंदोलन में अंतर्जातीय विवाह को बढ़ावा दिया गया। _इस आंदोलन में मांस, शराब, और नशीले पदार्थों का सेवन करने से मना किया गया। _इस आंदोलन में अंग्रेज़ों के बनाए डाकघर, रेल, और फ़ैक्ट्रियों का बहिष्कार किया गया। _इस आंदोलन में स्वदेशी और असहयोग की अवधारणाओं का प्रचार-प्रसार किया गया।
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