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February 12, 2025 at 04:37 AM
•जाति-जाति में जाति हैं, जो केलन के पात, रैदास मनुष ना जुड़ सके l, जबतक जाति न जात।
हिन्दी अर्थ :- रविदास जी कहते हैं जिसप्रकार केले के तने को छिला जाये तो पत्ते के नीचे पत्ता फिर पत्ते के नीचे पत्ता और अंत में कुछ नही निकलता है लेकिन पूरा पेड़ खत्म हो जाता है।
ठीक उसीप्रकार इंसान भी जातियों में बाँट दिया गया है जिससे ये इंसान तो अलग अलग जातियों मे बट जाता है लेकिन अंत में इंसान ही खत्म हो जाता है।
इसलिए जबतक ये जाति खत्म नहीं होती तबतक इंसान एक दूसरे से जुड़ नहीं सकता।
___महान बौद्ध विचारक, संतो के संत, संत शिरोमणि, गुरू रैदास जी के जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन वंदना व समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
🕯️💐🙏🇮🇳 ®डिजिटोडील