
समय
February 8, 2025 at 01:29 AM
॰0️⃣8️⃣0️⃣2️⃣2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣॰
__________________________
卐 *जय श्री कृष्ण राधे राधे* 卐
ॐ *॥ सुप्रभात सुमंगल ॥* ॐ
*परो अपि हितवान् बन्धुः बन्धुः अपि अहितः परः ।*
*अहितः देहजः व्याधिः हितम् आरण्यं औषधम् ॥*
कोई अपरिचित व्यक्ति भी अगर आपकी मदद करे, तो उसे परिवार के सदस्य की तरह महत्व देना चाहिए। और अगर परिवार का कोई अपना सदस्य भी आपको नुकसान पहुंचाए, तो उसे महत्व देना बंद कर देना चाहिए। ठीक उसी तरह जैसे शरीर के किसी अंग में कोई बीमारी हो जाए, तो वह हमें तकलीफ पहुँचाने लगती है. जबकि जंगल में उगी हुई औषधी हमारे लिए लाभकारी होती है।
सादर,
🙏😊
*मनीगिरी*, स्मृतिनगर, छ.ग.