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February 21, 2025 at 02:54 AM
॰2️⃣1️⃣0️⃣2️⃣2️⃣0️⃣2️⃣5️⃣॰ __________________________ 卐 *जय श्री कृष्ण राधे राधे* 卐 ॐ *॥ सुप्रभात सुमंगल ॥* ॐ अग्निर्ज्योतिरहः(श्) शुक्लः(ष्), षण्मासा उत्तरायणम्। तत्र प्रयाता गच्छन्ति, ब्रह्म ब्रह्मविदो जनाः॥ ॥भ.ग. 8:24॥ जिस मार्ग में प्रकाश स्वरूप अग्नि का अधिपति देवता, दिन का अधिपति देवता, शुक्ल पक्ष का अधिपति देवता, और छः महीनों वाले उत्तरायण का अधिपति देवता है, शरीर छोड़कर उस मार्ग से गये हुए ब्रह्मवेत्ता पुरुष (पहले ब्रह्मलोक को प्राप्त होकर पीछे ब्रह्मा जी के साथ) ब्रह्म को प्राप्त हो जाते हैं। सादर, 🙏😊 *मनीगिरी*, स्मृतिनगर, छ.ग.

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