ओबीसी अधिकारी कर्मचारी संघ (OBC Adhikari Karmchari Sangh)
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March 1, 2025 at 07:55 AM
#बीपीमण्डल 1952 मधेपुरा से पहले MLA चुने गए थे। सदन में पिछड़े वर्ग को आगे लाने के लिए उन्होंने कोई अमेंडमेंट प्रस्तुत किया। इसका एक अंश प्रस्तुत है। बिहार विधान मंडल में विन्देश्वरी प्रसाद मंडल ने सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्ग के लोगों का स्थान पर भाषण 2 जुलाई, 1952 को दिया। श्री विन्देश्वरी प्रसाद मंडल : माननीय अध्यक्ष महोदय, मुझे अफसोस होता है जब मैं देखता हूँ कि इस प्रस्ताव से इस सदन में घबड़ाहट पैदा हो गई है। घबड़ाहट की बात भी है। कहा गया है कि जब कोई तपस्या करता है तो इन्द्र का आसन डोलने लगता था। हमारे वे प्रिविलेज्ड भाई को तो अवश्य कुछ डर होता है। Shri MUHAMMAD TAHIR: Sir, I raise a point of order. Can a member, who has moved an amendment and spoken on that subject be allowed to speak again? DEPUTY SPEAKER: Will the hon'ble member point out rule under which the member can be prevented from speaking? His amendment has been ruled out and he can be allowed to speak. श्री बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल : मैने लोगों में घबड़ाहट देखी घबड़ाहट होना स्वाभाविक है। आपको ठंडे दिल से इसपर सोचना चाहिये। इस प्रस्ताव के सम्बन्ध में लोगों में बतलाया है कि इसमें जातीयता है। मैं तो कहूँगा कि यहाँ एक सुझाव है जिसको अगर मान लिया जाय तो जातीयता दूर भाग जायगी उपाध्यक्ष महोदय, इसको कनफ्यूज करने की कोशिश की गई है। उन्होंने इकोनोमिक एक्सप्लोईटेशन की बात भी इसमें की है। लेकिन भारतवर्ष दुनियाँ के और देशों से भिन्न है। इस देश में इकोनोमिक और सोशल दोनों का एक्सप्लोइटेशन है। जिस देश में सोशल एक्सप्लोइटेशन है उसके साथ इकोनोमिक एक्सप्लोइटेशन की बात कहना ठीक नहीं है। मेरे दोस्त ने अभी कहा है कि अंग्रेज इसको सुनकर खुश होंगे। मैं कहूँगा कि "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्ता" यह गीत तभी खुशी से गा सकते हैं जब हमारा हृदय आनन्दित हो। लेकिन हमारा हृदय दुखी है तो हम नहीं गा सकते हैं। आज हमारे देश की जनता दुखी है। मैं कहना चाहता हूँ कि अगर आपको सरकार चलानी है, देश को बचाना है, राष्ट्र को सुखी बनाना है तो इस जातिवाद को दूर भगाइये। हमें किसी जाति से दुश्मनी नहीं है। इन चार जातियों में कई एक हमारे दोस्त हैं जिनके लिये अगर जरूरत हो तो मैं जान भी दे सकता हूँ। (हेयर, हेयर) मैं देखता हूँ कि सर्विसेज में 90 परसेन्ट रिप्रेजेन्टेशन सिर्फ चार जातियों का है। कैबिनेट को ही आप लीजिये। अखबारों में निकला था कि जाति के आधार पर ही कैबिनेट बनाया गया है। तो मैं कहना चाहता हूँ कि जाति की आबादी के आधार पर 60 या 70 प्रतिशत जिनकी आबादी है उनके लिये जरूरत है कि रिजरवेशन किया जाये, जिससे वे आगे बढ़ें। ........ कमशः बीपी मंडल जी की 1979 की तस्वीर। मण्डल जी काला प्रिंस सूट में और हाँथ में छड़ी लिए हैं। #bpmandal स्रोत: प्रा. सूरज मंडल, दिल्ली विश्वविद्यालय.
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