Dev Katha (devkatha.com)
January 31, 2025 at 02:53 AM
प्रिया प्रियतम जिमि सुख लहै, सोई आपनों धर्म।
जामें जाय न अनन्यता, सोई आपनों कर्म॥
राधे राधे 💐💐🙏🙏
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