Dawah & iqra
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February 6, 2025 at 05:25 PM
*जहन्नम की आग की कहानी और उसकी दुनियावी आग से तअल्लुक़ की रिवायत* इस्लाम में कोई सहीह (प्रमाणित) रिवायत यह नहीं बताती कि जिब्रील (अलैहिस्सलाम) जहन्नम की आग को ज़मीन पर लाए थे। हालाँकि, कुछ ज़ईफ़ (कमज़ोर) या ग़ैर-मुसद्दक़ा (अप्रमाणित) क़िस्से मौजूद हैं जो जहन्नम की आग और दुनिया की आग के बीच रिश्ता बताते हैं। एक आम रिवायत—जिसकी सहीह होने पर इख़्तिलाफ़ (मतभेद) है—कहती है कि अल्लाह ने जहन्नम की आग को हज़ार साल तक जलने का हुक्म दिया, यहाँ तक कि वह सुर्ख़ (लाल) हो गई। फिर हज़ार साल जलती रही तो सफ़ेद हो गई। फिर हज़ार साल और जली तो काली (स्याह) हो गई। कुछ रिवायतों में आता है कि इसका एक छोटा हिस्सा दुनिया में भेजा गया, और वही दुनिया की आग बनी। *लेकिन सहीह हदीस में, नबी-ए-करीम (ﷺ) ने यह फ़रमाया है कि दुनिया की आग जहन्नम की आग का सिर्फ़ एक हिस्सा है।* सहीह मुस्लिम (2843) में यह हदीस दर्ज है: *रसूलुल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया:* *"तुम्हारी यह आग जहन्नम की आग के सत्तर हिस्सों में से एक हिस्सा है।"* *सहाबा (रज़ि.) ने अर्ज़ किया:* *"या रसूलल्लाह! बस यही (दुनिया की आग) काफ़ी थी!"* *तो रसूल (ﷺ) ने जवाब दिया:* *"जहन्नम की आग उससे उनहत्तर (69) गुना ज़्यादा तेज़ है। हर हिस्सा इस दुनिया की आग की तरह गर्म है।"* इससे मालूम होता है कि दुनिया की आग सिर्फ़ जहन्नम की आग का एक मामूली हिस्सा है, जबकि जहन्नम की असल आग कहीं ज़्यादा भयानक और दर्दनाक होगी। अगर आप किसी ख़ास कहानी के बारे में जानना चाहते हैं, तो बता सकते हैं, मैं उसकी हक़ीक़त मालूम करने में मदद कर सकता हूँ!

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