
Dawah & iqra
February 9, 2025 at 01:00 AM
*सूरह अद-दुहा* हमें ये एहसास दिलाती है कि हद से ज़्यादा सोचने का कोई फ़ायदा नहीं, क्यूंकि अल्लाह हमें तसल्ली देता है कि उसने हमें छोड़ा नहीं है। चाहे वो हमारी दुआ का जवाब देने में जितनी भी देर करे, वो हमेशा हमारे साथ रहेगा।
ये सूरह हमें सिखाती है कि ये दुनिया आख़िरत के मुक़ाबले कुछ भी नहीं। ये हमें बताती है कि चाहे हमारी हालत कैसी भी हो, हम जितने भी गुमराह हों, अगर अल्लाह चाहे तो वो ज़रूर हमें हिदायत देगा। क्यूंकि वो अर-रशीद है, जो सही रास्ते की तरफ़ रहनुमाई करता है, और वो हमारी तारीकी में रोशनी बनेगा।