
Himanshu Rai
February 26, 2025 at 06:05 AM
शिवो भूत्वा शिवं यजेत्।"
(शिव को पाने के लिए, स्वयं शिव बनो।)
महाशिवरात्रि केवल उपवास और रात्रि जागरण का पर्व नहीं, बल्कि आत्मजागरण का संदेश भी है। शिव, संहारक होते हुए भी पूर्ण शांति का प्रतीक हैं। वे हमें सिखाते हैं कि भीतर का अंधकार तभी समाप्त होगा जब हम आत्मबोध और धैर्य को अपनाएँगे।
क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान शिव विषधर क्यों हैं? यह इस बात का प्रतीक है कि जीवन में विषमताएँ अवश्य आएँगी, लेकिन उन्हें स्वीकार कर संयम से धारण करना ही सच्ची शक्ति है।
जीवन में आने वाले नकारात्मकता को नष्ट करने के लिए संयम और धैर्य की साधना करें। शिव तत्व को अपनाएँ—सहज रहें, सरल रहें, और जीवन को एक गहरी समझ के साथ जीएँ।
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