Sanatan Dharma 🚩 (धर्म, संस्कृति और आध्यात्म)
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February 27, 2025 at 05:30 PM
. "कभी-कभी बोलते समय गले में 'खिच खिच' हो जाती है। तब ठीक से शब्दों का उच्चारण नहीं हो पाता। व्यक्ति शब्दों को स्पष्ट नहीं बोल पाता।" ऐसी स्थिति में लोग कहते हैं, "भाई यह गोली चूस लो। इससे आपका गला ठीक हो जाएगा, और गले की 'खिच खिच' खत्म हो जाएगी।" यह बात सत्य भी है। "ऐसी स्थिति में कंठ शोधक औषधि चूसने से वह गले की खिच खिच दूर हो भी जाती है।" "और कभी-कभी लोग आपस में गुस्सा कर लेते हैं। कठोर भाषा बोल देते हैं। एक दूसरे के सम्मान का ध्यान नहीं रखते। और कभी-कभी तो लापरवाही से झूठा आरोप भी लगा देते हैं।" "ऐसी स्थिति में आपस में 'किच-किच' हो जाती है। उसको दूर करने के लिए मीठी भाषा का प्रयोग करना चाहिए।" "मीठी भाषा का प्रयोग करने से वह आपस की 'किच-किच' दूर हो जाती है। और फिर से परस्पर प्रेम बढ़ जाता है।" "अतः आपत्ति काल में ये दोनों उपाय कर लेने चाहिएं। यदि गले में 'खिच खिच' हो तो कंठ शोधक औषधि का सेवन कर लें। और यदि आपस में 'किच-किच' हो गई हो, तो मीठी भाषा का प्रयोग कर लें। दोनों समस्याएं दूर हो जाएंगी, और आप को आनंद आ जाएगा।" *🪷 ओम शांति 🪷*
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