
Islamic sawal Jawab Group
March 1, 2025 at 02:37 PM
आपको बता दें कि तरावीह की नमाज़ पढ़ने में करीब 2 घंटे लगते हैं और इसे पूरे रमज़ान पढ़ना जरूरी होता है। इसका पुण्य तभी मिलता है, जब इसे बिना किसी रुकावट के रोज़ाना पढ़ा जाता है यानी रमज़ान के महीने में इसे छोड़ना नहीं चाहिए। अब जानते हैं कि तरावीह की सही नियत कैसे की जाती है।
पुरुषों द्वारा तरावीह की नियत करने का तरीका
नियत की मैंने दो रकात नमाज़ सुन्नत तरावीह, अल्लाह तआला के वास्ते, वक्त इशा का, पीछे इस इमाम के मुहं मेरा कअबा शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बाँध होता है और फिर सना पढ़ना होता है
हिंदी में तरावीह की दुआ (Taraweeh ki Dua in Hindi)
सुबहान ज़िल मुल्कि वल मलकूत, सुब्हान ज़िल इज्ज़ति वल अज़मति वल हय्बति वल कुदरति वल किबरियाई वल जबरूत, सुबहानल मलिकिल हैय्यिल लज़ी ला यनामु वला यमुतू सुब्बुहून कुददुसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर रूह, अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नारि या मुजीरू या मुजीरू या मुजीर