Ai Imaan Walon Allah Se Daro 😔
Ai Imaan Walon Allah Se Daro 😔
February 1, 2025 at 12:31 PM
*👘फ़ैशन और हमारा मुआशरा🕺* *(🙍🏻‍♀️औरतों के लिए पर्दा जरूरी है)* *💫औरतों के लिए पर्दा बहुत ज़रूरी है और बेपर्दगी बहुत ही नुक्सान देह है ऐ मुस्लिम कौम! अगर तू अपनी दीनी और दुनियावी तरक्की चाहती है तो औरतों को इस्लामी हुक्म के मुताबिक पर्दे में रख, हम इसके मुतअल्लिक एक मुख़्तसर सी गुफ़्तगू करके पर्दे के अकली और नकली दलाइल और बेपर्दगी के नुकसानात बयान करते हैं* *👉🏻कुदरत ने अपनी मख़लूक को अलाहदा अलाहदा कामों के लिए बनाया है और जिसको जिस काम के लिए बनाया है, उसके मुताबिक उसका मिज़ाज बनाया है। हर चीज़ से कुदरती काम लेना चाहिए जो ख़िलाफे फितरत काम लेगा वह ख़राबी में पड़ेगा, इसकी सैकड़ों मिसालें हैं, टोपी सर पर रखने और जूता पांव में पहनने के लिए है। जो जूता सर पर बांध ले और टोपी पांव में लगा ले वह दीवाना है, गिलास पानी पीने और उगलदान थूकने के लिए है, जो कोई उगलदान में पानी पिए और गिलास में धूके वह पूरा पागल है, बैल की जगह घोड़ा और घोड़े की जगह बैल काम नहीं दे सकता, इसी तरह इन्सान के दो गिरोह किए गए हैं, एक औरत, दूसरे मर्द, औरत को घर में रह कर अन्दरूनी ज़िन्दगी संभालने के लिए बनाया गया है और मर्द को बाहर फिर कर खाने और बाहर की ज़रूरियात को पूरा करने के लिए बनाया मसलन मशहूर है कि पचास औरतों की कमाई में वह बरकत नहीं जो एक मर्द की कमाई में है और पचास मर्दों से घर में वह रौनक नहीं जो एक औरत से है। इसी लिए शौहर के जिम्मे बीवी का सारा खर्च रखा है और बीवी के ज़िम्मे शौहर का ख़र्चा नहीं, क्योंकि औरत कमाने के लिए बनी ही नहीं, इसी लिए औरतों को वह चीजे दीं जिनसे उनको मजबूरन घर में बैठना पड़े, और मर्दों को उनसे आज़ाद रखा, जैसे बच्चे जनना, हैज़ व नेफास आना, बच्चों को दूध पिलाना वगैरह, इसी लिए बचपन से ही लड़कों को भाग दौड़, उछल कूद के खेत पसन्द होते हैं जैसे कबड्डी, कसरत, डण्ड लगाना वगैरह और लड़कियों को कुदरती तौर पर वह खेल पसन्द होते हैं जिनमें भागना, दौड़ना न हो, बल्कि एक जगह बैठे रहना पड़े जैसे गुड़िया से खेल, सीना पिरोना, छोटी छोटी, रोटियां पकाना, झाडू देना वगैरह। आप ने किसी छोटी बच्ची को कबड्डी खेलते, डण्ड लगाते न देखा होगा। इससे मालूम होता है कि कुदरत ने लड़कों को बाहर के लिए और लड़कियों को घर के अन्दर के लिए पैदा किया है। अब जो शख़्स औरतों को बाहर निकाले या मर्दों को अन्दर रहने का मशवरा दे वह ऐसा ही दीवाना है जैसा कि वह जो टोपी पांव में और जूता सर पर रखने का मशवरा दे, जब आपने इतना समझ लिया कि मर्द और औरत एक ही काम के लिए न बने बल्कि अलाहदा अलाहदा कामों के लिए तो अब जो कोई इन दोनों फरीकों को एक काम सुपुर्द करना चाहे, दह कुदरत का मुकाबला करता है, उसको कभी भी कामयाबी न होगी, गोया यूं समझो कि औरत और मर्द ज़िन्दगी की गाड़ी के दो पहिए हैं, अन्दरूनी और घरेलू कामों के लिए औरत और बाहर के लिए मर्द, अगर आपने औरत और मर्द दोनों को बाहर निकाल दिया तो गोया आपने ज़िन्दगी की गाड़ी का एक पहिया निकाल दिया तो यकीनन गाड़ी न चल सकेगी।* *(📚 Reference फैशन और हमारा मुआशरा सफा 17/18 📚)* Send Forward ⏩ : https://chat.whatsapp.com/BrgvvX2MUaPG7S9Wbl01Xl

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