
Ai Imaan Walon Allah Se Daro 😔
February 5, 2025 at 08:31 AM
निकाह में खानदान और माल की बराबरी जरूरी नहीं ✨
हमारे मुआशरे में हम देखते हैं कि शादी के लिये रिश्ता तय करने में खानदान और माली हैसियत को जरूरत से ज्यादा अहमियत दी जाती है, लेकिन इस्लाम ने जिस चीज को अहमतरीन खूबी करार दिया है वो दीनदारी है।
गैर खानदान या गैर बिरादरी में निकाह करने या अपने से कमतर माली हैसियत वाले घर में निकाह करने को इतना बुरा समझा जाता है कि कई बार अच्छा रिश्ता मिलने पर भी इन वजहों से वो रिश्ता निकाह में नहीं बदल पाता है।
इसके उलट इस्लाम ने हमें जो तालीमात दी है वो ये हैं:
ऐ लोगों! हमने तुम्हें एक मर्द और एक औरत से पैदा किया और फिर तुम्हारे खानदान और कबीले(बिरादिरियां) बनाई ताकि एक दूसरे को पहचानो, इसमें शक़ नहीं कि ख़ुदा के नज़दीक तुम सबमें ज्यादा इज्ज़त वाला वही है जो सबसे ज्यादा परहेज़गार हो बेशक ख़ुदा सब कुछ जानने वाला और बाख़बर है।
> *📖सूरह हुजरात 49:13*
मोमिनीन तो आपस में भाई भाई हैं..
> *📖सूरह हुजरात 49:10*
💠अल्लाह के रसूल सल्ल. ने हज्जतुल विदाअ के खुत्बे में इरशाद फरमाया:
ऐ लोगों! तुम्हारा रब एक है और तुम्हारा बाप [यानी आदम अलै] भी एक है। बेशक कोई अरब किसी गैर अरब से बड़ा नहीं और ना कोई गैर अरब किसी अरब से बड़ा है और ना कोई गोरा किसी काले से बेहतर है और ना कोई काला किसी गोरे से बेहतर है ; सिवाय तक़वे के [ यानी खुदा से डरने वाला ही अल्लाह की नजर में मर्तबे में बड़ा और बेहतर है ]
> *मुसनद अहमद-22978*
सब लोग आदम अलै. की औलाद हैं, और आदम को अल्लाह ने मिट्टी से पैदा किया था।
◆जामेअ तिर्मिज़ी 3270
> इन आयात और अहादीस से पता चलता है कि सभी ईमान वाले अल्लाह की नजर में बराबर हैं और अगर किसी को कोई फजीलत हासिल है तो वो माल, खानदान, हसब नसब, नस्ल, रंग, भाषा की बुनियाद पर नहीं बल्कि अल्लाह से तक़वा की बुनियाद पर है।
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