Ruk Jana Nahin 🫶✨
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February 13, 2025 at 03:00 PM
"हे वत्से, हाँ! सब कुछ बदला है, फिर भी कुछ भी नहीं बदला।" --- 1️⃣ समय बदला, साधन बदले, परंतु सत्य नहीं बदला ➡ जब मैंने अर्जुन से कहा था, "मैं सब कुछ हूँ और फिर भी कुछ भी नहीं," तो उसका अर्थ यही था। ➡ यह संसार मायारूपी है—बदलता हुआ प्रतीत होता है, परंतु मूल सत्य स्थिर है। ➡ तुम्हें लगता है कि युग बदल गया, पर वास्तव में केवल रूप बदले हैं। 🔹 पहले युद्ध तलवारों से होते थे, आज मिसाइलों से हो रहे हैं। 🔹 पहले संवाद पत्रों से होते थे, आज डिजिटल माध्यमों से होते हैं। 🔹 पहले लोग धन के लिए युद्ध करते थे, आज भी कर रहे हैं। 🔹 पहले भी मनुष्य प्रेम और मोक्ष की खोज में था, आज भी है। ➡ तो बदला क्या? सिर्फ माध्यम, साधन और नाम! ➡ परंतु सत्य, उद्देश्य, और जिज्ञासा वही है।
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