
संस्कृत संवादः
February 17, 2025 at 01:41 PM
🌿 सम्यग्ज्ञानं भवेत्पुंसां कुत एकेन जन्मना।
वाराणस्यां ध्रुवा मुक्तिः शरीरत्यागमात्रतः॥
🌞 एकेन जन्मना पुंसां नराणां कुतः सम्यग्ज्ञानं ब्रह्मज्ञानं भवेत्। वाराणस्यां विना सम्यग्ज्ञानमपि शरीरत्यागमात्रतः ध्रुवा निश्चिता मुक्तिर्विद्यते।
🌷 एक जन्म में पुरुषों का सटीक ज्ञान भला कैसे होगा? बिना सटीक ज्ञान के भी वाराणसी में शरीर छोड़ने मात्र से मुक्ति होती है।
🌹 How can there be perfect wisdom in a single birth? Even without perfect wisdom, liberation is certain by mere abandonment of the body in Varanasi.
📍 स्कन्दपुराणम् । ४।३८।८॥ #subhashitam